27/July/2024 | 12:52:34 PM
हरियाणा राज्य विधानमंडल द्धारा की ओर से 28 फरवरी, 2018 को पारित ‘हरियाणा राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद अधिनियम, 2018’ के अंतर्गत हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद का गठन किया गया है। यह परिषद राज्य में उच्चतर शिक्षा की सभी संस्थाओं की स्वायत्तता और वृहत् उत्तरदायित्व सुनिश्चित करते हुए पॉलिसी सूत्रीकरण और भावी योजना और सामाजिक न्याय प्रोन्नत करने के लिए और राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान की आवश्यकता के अनुसार राज्य की सामाजिक-आर्थिक अपेक्षाओं के अनुसार उच्चतर शिक्षा के विकास के मार्गदर्शन और उनसे संबंधित या उनसे आनुषांगिक मामलों के लिए है। इस अधिनियम में परिषद के 20 कर्त्तव्यों और कार्यो का उल्लेख किया गया है, जिनका विवरण इस प्रकार है:-
(1) आयोग के निर्णयों को लागू करना।
(2) राज्य (भावी योजना, वार्षिक योजना तथा बजट) के लिए उच्चतर शिक्षा की पॉलिसी बनाना।
(3) योजना तथा कार्यान्यवन में राज्य के उच्च शिक्षा संस्थानों की सहायता करना।
(4) शीर्ष शिक्षा संस्थानों, नियामक निकायों और राज्य सरकार के बीच समन्वय करना।
(5) उच्चतर शिक्षा की योजना का अधीक्षण तथा कार्यान्यवन करना।
(6) प्रबंध करना, सुचना प्रणाली बनाना तथा इसका रख-रखाव करना।
(7) सरकार के स्तर तथा संस्था के स्तर पर उच्चतर शिक्षा से संबंधित डाटा समय-समय पर संग्रहण करना।
(8) राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा मिशन द्धारा बनाई गई मूल अनुपालन सूचना के अनुसार राज्य में उच्चतर शिक्षा की संस्थाओं का मूल्यांकन करना और यदि आवश्यक हो तो मानदण्ड बनाना।
(9) राज्य में अध्यापन गुणवत्ता तथा अनुसंधान में निरंतर वृद्धि के लिए योजना बनाना तथा उपाय सुझाना।
(10) परीक्षा प्रणाली में सुधारों के लिए सुझाव देना।
(11) समसामयिक तथा सुसंगत पाठ्यक्रम बनाना।
(12) अनुसंधान में नवपरिवर्तन को बढ़ावा देना।
(13) राज्य की उच्चतर शिक्षा संस्थाओं की स्वायत्ता की सुरक्षा करना।
(14) नई संस्थाओं, महाविद्यालयों की स्थापना करने के लिए स्वीक्रति प्रदान करना।
(15) मान्यता की प्रक्रियाओं में सुधार करने के लिए उपाय सुझाना।
(16) उच्चतर शिक्षा में निवेशों के लिए राज्य सरकार को मन्त्रणा देना।
(17) विनियमों तथा अध्यादेशों को बनाने में विश्वविद्यालयों को मन्त्रणा देना।
(18) राज्य सरकार के माध्यम से राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा मिशन के अंशदान के रूप में प्राप्त राशि का प्रबंध करना।
(19) ऐसी प्रक्रियाएं बनाना जिनके माध्यम से राज्य सरकार की सहायता अनुदान उच्चतर शिक्षा संस्था को अंतरित की जा सकती है।
(20) राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा मिशन के अधीन विश्वविद्यालयों तथा महाविद्यालयों हेतु वित्तीय सहायता के अंतरण की पारदर्शी प्रक्रिया बनाना तथा अनुसरण करना।
‘हरियाणा राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद अधिनियम, 2018’ का मसौदा पेश करते वक्त तत्कालीन शिक्षा मंत्री ने इस परिषद गठन के कारण और उद्देश्यों का रेखांकित किया। उनके द्धारा जो कहा गया, वह इस प्रकार है:-
राष्ट्रीय शिक्षा नीति एवं
राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान की अनुशंसा है कि राष्ट्रीय स्तर पर विश्वविद्यालय
शिक्षा सहित उच्चतर शिक्षा की योजना एवं समन्वय, स्वायत्त, निष्पक्ष राज्य उच्चतर
शिक्षा परिषद के माध्यम से हो। राज्य सरकार आवश्यक समझती है कि हरियाणा उच्चतर शिक्षा परिषद की स्थापना हो
जिसमें राज्य सरकार विश्वविद्यालय, शैक्षिक जगत एवं विशेषक्षों के सहयोग से ऐसी व्यवस्था बनाएं जिसके द्धारा विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों एवं राज्य सरकार से उच्चतर शिक्षा के संबंध
में समन्वय बन सके, जिसके द्धारा विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों की उच्च स्तर की नियामक संस्थाओं के साथ
सकारात्मक संबंधों का निर्माण हो सके। परिषद की
स्थापना से निम्न उद्देश्य पूर्ण होंगे:-
(क) उच्चतर शिक्षा के क्षेत्र में नीति निर्माण एवं भविष्य की योजनाएं बनाकर उच्चतर शिक्षा जगत में सामाजिक न्याय एवं उत्कृष्टता स्थापित हो सके।
(ख) राज्य के सभी उच्चतर शिक्षा संस्थाओं में
स्वायत्तता एवं दायित्वबोध की व्यवस्था बने।
(ग) राज्य एवं राष्ट्र के सामाजिक एवं
आर्थिक उत्थान की आवश्यकता के अनुसार उच्चतर शिक्षा की दिशा एवं विकास की योजना
निर्धारित हो सके।
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